Chopra Tank : Khajuraho
चोपड़ा टैंक - खजुराहो
खजुराहो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित मध्यकालीन भारत का प्राचीन शहर है।
खजुराहो अपने विशेष मंदिरों के लिए पूरी दुनिया में विश्व विख्यात है और यूनेस्को वर्ल्ड हेरीटेज की साइट में शामिल है। वर्ष 1986 में खजुराहो को यूनेस्को को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया गया था। वैसे तो खजुराहो अपने मंदिरों के लिए पूरी दुनिया में विख्यात है और पूरी दुनिया से यात्री खजुराहो को देखने के लिए प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में आते हैं। खजुराहो के मंदिरों को चंदेला शासकों द्वारा बनवाया गया था।मंदिरों के साथ-साथ उनके द्वारा पूरे बुंदेलखंड में झीलों और तालाबों को अनगिनत संख्या में निर्माण करवाया गया था ताकि क्षेत्र में कभी पानी की कमी ना हो। उनमें से अधिकांश अब कई कारणों से खत्म होने की कगार पर है । तालाब के साथ ही कई बावड़ी एवं टैंकों का निर्माण भी उनके द्वारा करवाया गया था। खजुराहो में भी चंदेला शासकों द्वारा कई पानी के स्रोतों का निर्माण करवाया।
आज के टॉपिक में हम चोपड़ा टैंक के बारे में चर्चा करेंगे।
यह वह प्राचीन धरोहर है जो अधिकांश यात्रियों द्वारा नहीं देखी जाती है। हालांकि यह पश्चिमी मंदिर समूह के चित्रगुप्त मंदिर से मात्र 180 मीटर उत्तर दिशा में स्थित है एवं स्मारक के बाउंड्री वॉल से बाहर स्थित है। पैदल ही यहां तक पहुंचा जा सकता है। पश्चिमी मंदिर समूह के लाइट एंड साउंड गेट से राजनगर रोड की तरफ जाते समय ललगुंवा रोड की तरफ यह स्थित है। चोपड़ा टैंक तीन मंजिला का टैंक है जो आकार में वर्गाकार है। लगभग 11 वीं शताब्दी के आसपास इसका निर्माण किया गया था। वर्तमान में यह बहुत ही जीर्ण शीर्ण अवस्था में है एवं कोई देखभाल नहीं की जा रही है।यदि कुछ लंबे समय तक इसकी देखरेख नहीं की गई तो यह लगभग ध्वस्त होने की कगार पर स्थित है। भौगोलिक लोकेशन में यह चित्रगुप्त मंदिर के बहुत पास स्थित है एवं चित्रगुप्त मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है।खजुराहो मंदिरों में मात्र चित्रगुप्त मंदिर ही एकमात्र मंदिर है जो भगवान सूर्य को समर्पित है । इसीलिए ऐसा माना जाता है कि आमलोग बीमारियों के इलाज के लिए इस कुंड में स्नान करते होंगे जिससे कि उनको बीमारियों से मुक्ति मिलती होगी।
यदि आप भी इस टैंक को देखने जाना चाहते हैं तो उन यहां थोड़ा ध्यान से चलें क्योंकि चारों तरफ की मिट्टी थोड़ी फिसलन भरी है।यदि भविष्य में आप खजुराहो आए और पश्चिमी मंदिर समूह भ्रमण को आए तो लगभग 30 मिनट का समय इसको देखने के लिए पर्याप्त होगा।
3 Comments
Nice information 👍👍
ReplyDeleteNice information
ReplyDeleteVery nice sir
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