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Vishnu Varah Temple, Shahnagar Panna विष्णु वराह मंदिर शाह नगर जिला पन्ना

Vishnu Varah Temple, Shahnagar Panna

विष्णु वराह मंदिर शाह नगर जिला पन्ना :

 विष्णु वराह मंदिर पन्ना जिले के शाह नगर में ग्राम पुरैना में स्थित है। हमारे देश में इतनी ऐतिहासिक धरोहर विद्यमान है कि यदि हम गांव गांव में देखे तो यकीनन कोई न कोई ऐतिहासिक धरोहर वहां मिल जाएगी। हालाँकि इस मंदिर देख़ने का पहले से कोई प्लान नहीं  बनाया था।  ऑफिस के काम से शाहनगर जाना हुआ था. वही पता चला की पास ही में एक प्राचीन मंदिर जिसे विष्णु वराह मंदिर कहते है स्तिथ है।  पता करने पर पाया की रास्ता जाने का बहुत ख़राब है और बिना किसी लोकल व्यक्ति  के मंदिर तक पहुंचना मुश्किल है और कार तो वह तक जा ही नहीं पाएगी। फिर क्या था दो बाइक ली और चल पड़े मंदिर को देखने।  मंदिर शाहनगर से मुश्किल से 10 km  की दूरी के लगभग होगा।  मेरी जानकारी अनुसार पन्ना जिले में अन्य कोई वराह  मंदिर नहीं है।  एक भव्य वराह मूर्ति खजुराहो में अवश्य है।  इसलिए मेरी उत्सुकता भी अधिक हो रही थी।  मुश्किल से 15  से 20  मिनट  हम मंदिर पहुँच गए।  मंदिर पुरेना ग्राम में स्तिथ है।  

विष्णु वराह मंदिर 


vishnu varah  temple 




विष्णु  वराह मंदिर शाहनगर का  इतिहास :


पुरातत्व विभाग आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के अनुसार इस मंदिर का निर्माण लगभग 10 वीं 11 वीं शताब्दी के मध्य में किया गया है।  इसे किस राजा या व्यक्ति द्वारा बनाया गया है, इसका कोई विवरण उपलब्ध नहीं है एवं कोई आसपास विवरण लिखित में  है।  इस मंदिर का पहले का गर्भगृह  ध्वंस हो चुका है इसके बाद इसका पुनर्निर्माण किया गया है। मंदिर के गर्भगृह में परिवर्तन किया गया है। मंदिर एक ऊँचे चबूतरे पर  बनाया है।  पास में कई छोटे मंदिर भी है.  एक मंदिर हनुमानजी  एक मंदिर शिव भगवान  का है. 

vishnu varah temple 

वराह 


गर्भ गृह में भगवान वराह की एक भव्य  प्रतिमा अत्यंत आकर्षक रूप में विराजमान हैं। प्रतिमा के आगे स्वयं भगवान विष्णु शेषनाग के साथ विराजित हैं। मंदिर परिसर में अनेकों पुरातत्व मूर्तियां और धरोहर है यहां वहां रखी हुई हैं। मंदिर के सामने की तरफ एक प्राचीन कुआं स्थित है जिस की दीवारें आज भी सुरक्षित स्थिति में है ।


मंदिर के सामने का कुँआ 

प्राचीन कुँआ 


 यकीनन प्राचीनकाल में यहां कोई विशाल एवं भव्य मंदिर रहा होगा लेकिन वर्तमान में उसके अवशेष ही शेष हैं। 

चित्र दीर्घा :


हनुमान जी 

वामन अवतार 




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