Baldev ji temple :Panna श्री बल्देव जी मंदिर पन्ना :
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Baldev ji temple |
वैसे तो पन्ना जिले की धरती कई प्राकृतिक धरोहरों ,ऐतिहासिक धरोहरों और हीरों के लिए पूरी दुनिया में विख्यात है। पर पन्ना जिला अपने मंदिरों के विशेष बनावट और भव्य आकार के लिए पूरी दुनिया में विख्यात है।यहां के हर मंदिर में अपनी एक अलग विशेषता है और दुनिया में इस तरह के अन्य मंदिर बहुत ही दुर्लभ हैं। ऐसा ही एक मंदिर है श्री श्री बलदेव जी मंदिर।यह मंदिर यूरोपियन और भारतीय आर्किटेक्चर को मिलाकर बनाया गया है। बलदेव जी मंदिर रोमन वास्तुकला से प्रेरित है। बाहर से यह मंदिर लंदन के सेंटपाल चर्च का प्रतिरूप नजर आता है।
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बल्देव जी मंदिर रात के समय |
बलदेव जी मंदिर का इतिहास :
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Baldev ji Temple |
सन 1675 में बुंदेल केसरी महाराज छत्रसाल ने कालिंजर से पन्ना को अपनी राजधानी बनाया जिनकी 10 वीं पीढ़ी के पन्ना नरेश महेंद्र महाराज श्री रूद्र प्रताप सिंह जूदेव को स्थापत्य कला में विशेष रूचि थी। उनके द्वारा संवत 1933 में इस मंदिर का निर्माण प्रारंभ कराया जो संवत 1936 में पूर्ण हुआ। इस प्रकार यह मंदिर लगभग 145 वर्ष पुराना है। मंदिर का मानचित्र इटली के इंजीनियर मिस्टर मेतेले ने तैयार किया था जो राज्य के इंजीनियर थे। इस मंदिर में यूरोपियन एवं भारतीय शैली का समावेश है जो अपने आप में विश्व में अनूठा है। महेंद्र महाराज श्री रूद्र प्रताप सिंह जूदेव वृंदावन से भगवान श्री बलदेव जी की शालिग्राम की आदम कद प्रतिमा लेकर आए जो प्राचीन शैली को दर्शाता है। कहा जाता है की कृषि कार्य में उनकी विशेष रूचि थी जिसकी वजह से उन्होंने हल धारण किए भगवान बलदाऊ के भव्य मंदिर का निर्माण कराया।
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baldev ji temple |
भगवान श्री कृष्ण की 16 कलाओं की स्मृति को ताजा करने वाली निर्माण शैली अद्भुत है 16 सीढ़ी से मंदिर में प्रवेश , 16 स्तंभों का विशाल मंडप, 16 लघु गुंबद स्थापत्य कला में अनूठा है गर्भगृह में भगवान श्री बलदेव जी की प्रतिमा स्थापित है जिसका आयुध हल तथा मुसल है। सब बुंदेली और मानव निर्मित है। चारों कोण परंपरागत स्वरूप हैं। इसी से युक्त दरवाजे तथा झरोखे एक ही पत्थर से तराश कर बनाये गए हैं। समस्त निर्माण वास्तु शास्त्र के परिधि में हुआ है। निर्माण में भूकंप निरोधक तकनिकी अपनाई गई है।
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Baldev ji temple |
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lord baldev ji |
मंदिर की अन्य प्रमुख विशेषतायें :
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baldev ji temple |
श्री बलदेव जी मंदिर विश्व में कला एवं शैली की अद्वितीय धरोहर है। मंदिर क्षेत्र की बेहतरीन संरचनाओं में से एक है और पन्ना कि वास्तुकला की ऊंचाइयों का प्रतिनिधित्व करता है। भगवान श्री कृष्ण के जहां देश भर में अनेक मंदिर हैं वही बलदाऊ भगवान के बहुत कम मंदिर देखने को मिलते हैं। पन्ना जिले स्थित बलदाऊ का यह अद्वितीय मंदिर एवम् प्रतिमा दर्शनीय हैं। वैसे सभी त्योहारों पर यहां विशेष पूजा-अर्चना होती है पर हल षस्ति पर्व की बात ही कुछ अलग होती है। मंदिर प्रांगण श्रद्धालुओं की उपस्थिति से भर जाता है। शेषनाग का अवतार पौराणिक कथाओं के अनुसार द्वापर युग में लक्ष्मण जी ने बलदाऊ के रूप में अवतार लिया था उनका एक अवतार शेषनाग के रूप में भी माना गया है बलदाऊ मंदिर में स्थापित मूर्ति शेषनाग की छत्रछाया वाली है। माना जाता है कि संपूर्ण देश में भगवान बलदाऊ की यह अद्वितीय मूर्ति है। देश भर में ना तो उनका कहीं ऐसा मंदिर है ना ही ऐसी मूर्ति देखने को मिलती है।अद्भुत अलौकिक अद्वितीय होने के बावजूद भारत के धार्मिक पर्यटन केंद्रों की सूची में यह उतना प्रसिद्ध नहीं है।
चित्र दीर्घा :
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मंदिर का प्रवेश द्वार |
1 Comments
Nice information
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