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Brahma Temple Khajuraho ( ब्रम्हा मंदिर खजुराहो ) A unique temple of Khajuraho

Brahma Temple Khajuraho :

ब्रह्मा मंदिर खजुराहो : 

ब्रह्मा मंदिर खजुराहो 


जैसा कि हम पहले की पोस्टों में बता चुके हैं कि खजुराहो के मंदिरों को तीन समूहों में विभाजित किया गया है
1- पूर्वी 
2-पश्चिमी 
3-दक्षिणी
 मंदिर मंदिर खजुराहो गर्भगृह 


 ब्रह्मा  मंदिर का परिचय : 

        ब्रह्मा मंदिर पूर्वी समूह मंदिरों में शामिल है। यह मंदिर नौवीं शताब्दी के आसपास बनाया गया और खजुराहो के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। हालांकि इस मंदिर का नाम भगवान ब्रह्मा के नाम पर आधारित है परंतु यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर भी यूनेस्को वर्ल्ड हेरीटेज साइट में शामिल है। यह मंदिर पुरानी बस्ती के पास नोनेरा झील के किनारे स्थित है। 
ब्रह्मा मंदिर खजुराहो नोनेरा तालाब 


ब्रह्मा  मंदिर का इतिहास :

       आकार में यह अन्य मंदिरों के मुकाबले काफी छोटा है और बहुत ही साधारण बनावट है। गर्भ ग्रह में भगवान शिव की एक चतुर्मुखी प्रतिमा स्थापित है जिसे चार मुख होने के कारण स्थानीय लोगों द्वारा ब्रह्मा जी का नाम दे दिया गया, जिनके कि चार मुख होते हैं। 
भगवान शिवा की चतुर्मुखी मूर्ति 


        खजुराहो के लगभग सभी मंदिरों का निर्माण सेंड स्टोन से किया गया है परंतु ब्रह्मा मंदिर और लालगुंव  महादेव मंदिर ही ऐसे मंदिर हैं जिनका निर्माण ग्रेनाइट से किया गया है। आकर एवं बनावट में यह लगभग लालगुंवा महादेव मंदिर के समान है। यह मंदिर उस दौर का प्रतिनिधित्व करता है जब  ग्रेनाइट को छोड़कर मंदिर सेंड स्टोन से बनाना शुरू किए जा रहे थे। मंदिर का शिखर हालांकि सेंड स्टोन से बना हुआ है। प्रारंभ में इस मंदिर में एक बरामदा और एक गर्भ ग्रह था। हालांकि बरामदा अब नष्ट हो गया है केवल गर्भगृह  बाकी बचा है जो कि एक शिखर से सुसज्जित है।मंदिर का दरवाजा पूरब मुखी है एवं इसकी बनावट काफी साधारण है और इसमें एक त्रिमूर्ति और गंगा यमुना की मूर्तियां बनाई गई है। 


ब्रह्मा मंदिर खजुराहो के कुछ रोचक तथ्य :


        हालांकि कुछ इतिहासकार इसको भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर भी बताते हैं क्योंकि प्रवेश द्वार पर भगवान विष्णु की मूर्ति बनी हुई है। मंदिर एक ऊंचे चबूतरे पर बनाया गया है अंदर से लगभग वर्ग के आकार में है।अंदर कुल 12 स्तंभों पर यह मंदिर टिका हुआ है। प्रवेश द्वार पर त्रिदेव ब्रह्मा विष्णु महेश की मूर्तियां हैं और द्वार स्तंभ में अनुचर सहित गंगा और यमुना बनी हुई है। 

ब्रह्मा मंदिर का प्रमुख दरवाजा 


इसका बनावट काल लगभग लालगुवा महादेव मंदिर के साथ-साथ का ही है। यह मंदिर पूर्वी एवं पश्चिमी दोनों दिशाओं से भगवान सूर्य का स्वागत करता है। 

ब्रह्मा मंदिर तक पहुंचे कैसे: 

        मंदिर बस स्टैंड से लगभग 1:30 किलोमीटर की दूरी पर है। पैदल या किसी माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है और पुरानी बस्ती से ही दिख जाता है।

चित्र दीर्घा :

ब्रह्मा मंदिर खजुराहो 

ब्रह्मा मंदिर की छत्त 

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2 Comments

  1. Very informative blog

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  2. khajuraho is always been my fav place for a trip. I have read a intresting book called Lapka on khajuraho

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