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Gadarmal Temple Pathari : गडरमल मंदिर पठारी

गडरमल मंदिर पठारी  ( Gadarmal Temple Badoh ) : मध्यकाल का गुमनाम मंदिर : 

Gadarmal Temple Badoh


    The lost temple of mediaeval India   पिछले ब्लॉग में हमने विदिशा कुरवाई तहसील के पठारी कस्बे में स्थित मध्यकालीन मंदिरों की श्रंखला के  बारे में विस्तृत चर्चा की  थी। मूलतः पठारी कस्बा दो ग्रामों से मिलकर बना है पठारी और बड़ोह। पठारी और बड़ोह के बीच में एक झील सीमा का कार्य करती है , हालांकि यह झील अब छोटे से तालाब में सिमट के रह गई है और यदि देखभाल नहीं हुई तो संभव है कि यह झील या तालाब भी इतिहास के पन्नों में कहीं गुम हो जाए। यहां के अधिकांश मंदिर ग्राम बड़ोह में ही स्थित है। पिछले ब्लॉग में हमने  Kutkeshwar temple और satgarhi temple के बारे में जाना था। 

Gadarmal Temple 


Gadarmal Temple Badoh 


        आज के ब्लॉग में पठारी के सबसे भव्य और विशाल मंदिर Gadarmal  मंदिर के बारे में जानेंगे। यह मंदिर के बारे में किवदंती है कि इसे किसी गड़रिए ने बनवाया था इसलिए इसे गडरमल मंदिर कहा जाता है और यह गडरियों की देवी को समर्पित था। हालांकि वर्तमान में मंदिर के गर्भ गृह में कोई भी मूर्ति स्थित नहीं है। परंतु जैसा कि प्राचीन समय में यदि किसी मंदिर की पहचान करना है तो वहां मंदिर के प्रवेश द्वार के ऊपर बनी हुई मूर्ति को देखकर पहचान सकते हैं। इस मंदिर के प्रवेश द्वार के ऊपर एक देवी की मूर्ति बनी है और वह देवी एक गाय के साथ में खड़ी हुई है इसलिए यकीनन यह मंदिर किसी देवी को ही समर्पित था। 

गडरमल मंदिर के प्रवेश द्वार पर देवी की प्रतिमा 

History  of Gadarmal mandir Badoh  : 

        यह मंदिर संभवतः 9 वीं सदी  के आसपास का प्रतीत होता है। इस मंदिर का आर्किटेक्चर प्रतिहार और परमार शासकों के समय की मिश्रित कला को प्रदर्शित करता है। यह मंदिर देखने में ग्वालियर के किले  पर स्थित तेली  के मंदिर से मिलता-जुलता प्रतीत होता है। इस मंदिर में हिंदू और कुछ जैन मूर्तियां भी लगी हुई है । मंदिर का निर्माण बलुआ पत्थर से किया गया है। आठवीं और नौवीं सदी के आसपास पंचायतन शैली के मंदिरों का निर्माण किया जाता था। जैसे कि खजुराहो का लक्ष्मण मंदिर और विश्वनाथ मंदिर आज भी पंचायतन शैली का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत करता है। इस शैली  में मुख्य मंदिर एकj चबूतरे पर बना होता है और मुख्य मंदिर के चार कोनों में छोटे मंदिर बने होते हैं इस प्रकार कुल 5 मंदिर होते हैं। परंतु गडरमल मंदिर अष्टयातन  शैली में निर्मित है जो कि बहुत ही दुर्लभ है। मंदिर का गर्भगृह में कोई मूर्ति नहीं है।  प्रवेश द्वार विशाल और बहुत ही नक्काशीदार है।  


गडरमल मंदिर का गर्भगृह 

गडरमल मंदिर का प्रवेश द्वार 


        मुख्य मंदिर एक ऊंचे विशाल चबूतरे पर बना हुआ है और मंदिर के सात कोनो  पर सात छोटे मंदिर बने हुए हैं जिनमें से कुछ मंदिर अभी भी सुरक्षित स्थिति में है। कुछ इतिहासकार ऐसा बताते हैं कि प्रारंभ में  मंदिर बिना छत का रहा होगा और अलग-अलग अंतराल में इस मंदिर का निर्माण हुआ है। एवं जब इस क्षेत्र के अन्य मंदिर निर्मित हो गए होंगे  तो उनके अवशेषों से इस मंदिर के शिखर का निर्माण किया गया है। ब्रिटिश आर्कियोलॉजिस्ट Joseph David Beglar ने सन् 1871 -72 में यहां का दौरा किया था और फोटोग्राफ्स लिए थे। 

gadarmal temple in  1871 

Gadarmal Temple in 1871 



        उन्होंने मंदिर के अंदर एक मां और एक बच्चे की मूर्ति को पाया जिसे उन्होंने माया देवी और गौतम बुद्ध के रूप में चित्रित किया था। मंदिर के बाहर का मुख्य तोरण , जब मंदिर खोज हुई थी तब वह अपने मूल रूप में स्थित था परंतु बाद में वह क्षतिग्रस्त हो गया और वर्तमान में एक स्तंभ भी खड़ा हुआ है। 

Gadarmal Temple Badoh 

Gadarmal Temple Badoh 


        एक अन्य विशेषता इस मंदिर की यह है कि मंदिर के स्तंभों के ऊपर हाथियों की चित्रित किया गया है जबकि 10 वीं सदी के अन्य मंदिरों में स्तंभों के ऊपर या तो कीचक या शेरों का चित्रण अधिकांशतः किया जाता था। मंदिर के प्रवेश द्वार पर तो विशाल शेरों की मूर्तियां स्थित है जो अभी भी अपने लगभग मूल रूप में स्थित हैं। गडर मल मन्दिर में गर्भगृह अंतराल और मुख्य मंडप का निर्माण किया गया था। मंदिर का  प्रवेश द्वार,  मंडप और गर्भगृह 9 वीं सदी के प्रतीत होते हैं। मुख्य मंडप 8 स्तंभों के साथ खड़ा हुआ है और उनके ऊपर हाथियों को मूर्ति बनाई हुई है। मंदिर के ऊपर एक विशाल शिखर का निर्माण किया गया था लेकिन वर्तमान में शिखर छतिग्रस्त है और  नीचे रखा हुआ है। 

गडरमल मंदिर में रखे अवशेष 

गडरमल मंदिर के छोटे मंदिर 


        मंदिर के कई अवशेष मंदिर के चारों तरफ प्रांगण में रखे हुए हैं। मन्दिर अपने समय में मध्य भारत का एक विशाल मंदिर रहा होगा और मंदिर की ऊंचाई इतनी अधिक है कि यह कई किलोमीटर दूर से भी दिख जाता होगा। वर्तमान में मंदिर को विशेष देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता है। मंदिर के बाहर पुरातत्व विभाग द्वारा किसी तरह की कोई जानकारी प्रदर्शित नहीं की गई है जिससे कि मंदिर के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की जा सके।


Photo Gallery of Gadarmal Temple Badoh  :

Gadarmal mandir Badoh 

Gadarmal Temple Entrance Gate 

Gadarmal Temple Toran Gate 

Gadarmal Temple Badoh 

Gadarmal Temple Pathari 

Gadarmal Temple Pathari 

Gadarmal Temple Pathari 

Gadarmal Temple Sculpture 

Gadarmal Temple Sculpture 

Gadarmal Temple Pathari 

Gadarmal Temple Badoh 

Gadarmal Temple Pathari 


Gadarmal Temple Badoh 

Gadarmal Temple 

Gadarmal Temple lion statue 

gadarmal temple lion statue 





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7 Comments

  1. सराहनीय प्रयास सर👍👍👍

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  2. इतिहास के पन्नों से निकला एक और हीरा परमार कालीन मंदिर

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