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दरवाजों की सराय में बसा पूरा गांव सतपाड़ा सराय ( Satpada Saray Vidisha )

दो दरवाजों की सराय में बसा पूरा गांव सतपाड़ा सराय : 

satpada sarai
सतपाड़ा सराय  प्रवेश द्वार 

        साथियों आज के ब्लॉग में हम विदिशा जिले के रोचक और प्रमुख गांव के बारे में बात करेंगे। क्या आपने कभी सोचा है कि एक सराय में भी पूरा गांव बस सकता है। पर यह सही बात है और ऐसे ग्राम विदिशा जिले में स्थित है। प्रारंभ में मुझे एक गांव के बारे में ही पता चला जिसका नाम है सतपाड़ा सराय। 

सतपाड़ा सराय प्रवेश द्वार 

        विदिशा जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम सतपाड़ा सराय एक बस्ती है और अब इस बस्ती का विस्तार मुख्य मार्ग तक हो गया है लेकिन कुछ वर्ष पहले तक गांव के अंदर बने दो विशाल प्रवेश द्वारों के अंदर ही पूरा गांव बसा हुआ था। यह द्वारा करीब 30 फीट ऊंचे, 50 फीट चौड़े और करीब 50 फीट लंबाई के हैं। वर्तमान में इन दरवाजों और सराय के बारे में कोई लेख उपलब्ध नहीं है ना हीं कोई अधिक जानकारी उपलब्ध है। जो भी जानकारी ली गयी वह स्थानीय ग्रामवासियो से प्राप्त की गयी है। दरवाजे देखने से यह तो स्पष्ट अंदाजा लग जाता है कि यह दरवाजे और बस्ती मुगलकालीन है और 17वीं शताब्दी के आसपास के प्रतीत होते है। 

सतपाड़ा सराय दूसरा दरवाजा 

        देखने से प्रतीत होता है कि यह पूरी प्राचीन बस्ती दो बड़े प्रवेश द्वारों और चारों ओर से मजबूत चार दिवारी से घिरी हुई थी। बड़े प्रवेश द्वार पर पहले एक बड़ा दरवाजा हुआ करता था जो रात के समय बंद कर दिया जाता था लेकिन वर्तमान में यह दरवाजा मौजूद नहीं है। गेट के बाहर और अंदर भी मेहराब दिखाई देती है जो मुगल शैली की परिचायक है। उत्तरी दरवाजा हालांकि अब जर्जर स्थिति में है परंतु अन्य दक्षिणी दरवाजा अभी भी मजबूत स्थिति में बुलंदी से खड़ा हुआ है। हालांकि दोनों दरवाजे अब जर्जर स्थिति में हो रहे हैं और इसको मरम्मत आदि की आवश्यकता है। बनावट और स्थापत्य शैली से प्रतीत होता है कि यह मुग़लकालीन बस्ती थी जो पूर्व में सराय के रूप में स्थापित की गई थी परंतु अब यह पूरा ग्राम बन चुका है। बस्ती के चारों तरफ मोटे पत्थरों की एक दीवार के अभी भी निशान मौजूद है और छोटे-छोटे कमरे अभी भी बने हुए हैं जिनमें लगता है कि सैनिक रुकते होंगे और उनके घोड़े भी बांधे जाते होंगे। दीवार के पत्थरों का इस्तेमाल अब बस्ती में घरों के निर्माण में कर लिया गया है और दीवार के कुछ निशान छोड़कर दीवार लगभग खत्म हो चुकी है। 

सतपाड़ा सराय प्राचीन बस्ती 

        थोड़ा और अध्ययन करने पर ऐसा पाया कि विदिशा जिले में कुछ अन्य ग्राम भी इसी प्रकार सराय के रूप में स्थापित किए गए थे जिनमें एक सिरोंज के पास स्थित ग्राम मुगलसराय भी है परंतु वर्तमान में अब ज्यादा अधिक अवशेष वहां मौजूद नहीं है। हालांकि एक अन्य ग्राम का अभी मुझे और पता चला है जिसका नाम पौआनाला है। 

पौआनाला विदिशा की सराय :

पौआनाला का सराय का द्वार 


पौआनाला मैं भी सतपाड़ा सराय के जैसे ही दो प्राचीन गेट बने हुए है और दीवार से घिरे हुए हैं और इसके अंदर एक छोटी सी बस्ती बनी हुई है।  यह भी संभव है सराय के रूप में इसका निर्माण किया गया होगा, परंतु उनके बारे में कोई ऐतिहासिक तथ्य उल्लेख नहीं है। जो थोड़ी बहुत अधिक जानकारी है वह ग्रामीण निवासियों के माध्यम से ही पता चली है। संभवत: कुछ अन्य ग्राम भी इसी प्रारूप में हो सकते हैं परंतु उनके बारे में अधिक जानकारी नहीं है। पौआनाला  सा ग्राम है जो दो दरवाजों के मध्य बसा हुआ हुआ और मोटी दिवार से चारो तरफ से घिरा हुआ है।  इस प्रकार के ग्रामो का निर्माण संभवतः 17 वी सदी के आसपास होना प्रतीत होता है जिसमे सैनिक और घोड़े भी होते होंगे।  कोई अतिरिक्त जानकारी उपलब्ध नहीं है तो अधिक कुछ बताना संभव नहीं है।  विदिशा जिले में अन्य इस प्रकार के ग्राम भी है जैसे मुग़ल सराय सिरोंज के नजदीक , भौंरासा कुरवाई के नजदीक जहा 15 वी सदी के कई मुगलकालीन अवशेष मौजू द  है।  शीघ्र ही इन ग्रामों पर भी ब्लॉग लिखूंगा।  

पौआनाला विदिशा की प्राचीन बस्ती 

आपको यह ब्लॉग कैसा लगा कमेंट कर अवश्य ताये। हालांकि यह एक छोटा ब्लॉग है परंतु विदिशा जिले के कुछ रोचक ग्रामो  को कवर करने का मैंने प्रयास किया है जिनके बारे में अधिक जानकारी कहीं भी उल्लेखित नहीं है। यदि आपके पास इस प्रकार की कोई भी ऐतिहासिक जानकारी उपलब्ध हो जिसे सामने लाया जा सकता है तो अवश्य बताये उन्हें कवर करने का प्रयास अवश्य करूँगा।  अगले ब्लॉग में विदिशा के कुछ अन्य ऐतिहासिक ग्राम को कवर करूँगा जिसमे सिरोंज के  नजदीक का देहरी जागीर और कुरवाई के पास का भौंरासा ग्राम मुख्य है। 

चित्र दीर्घा सतपाड़ा सराय :



सतपाड़ा सराय विदिशा 

सतपाड़ा सराय प्रवेश द्वार 

सतपाड़ा सराय द्वार 

सतपाड़ा सराय के प्राचीन कमरे 

सतपाड़ा सराय के प्राचीन कमरे 

 पौआनाला विदिशा चित्र दीर्घा : 

पौआनाला सराय का दरवाजा 

पौआनाला सराय दूसरा द्वार 

पौआनाला प्राचीन बस्ती के अवशेष 

पौआनाला सराय द्वार 

पौआनाला सराय द्वार 


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20 Comments

  1. Bahut hi sundar prastuti sir

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  2. आपके द्वारा बहुत ही विस्तृत एवं सुंदर वर्णन किया गया है।

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  3. देश के छोटे छोटे गांव में स्थित विरासत जिसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है और आमजन उक्त विरासत और इतिहास से अनभिज्ञ है उन तक आपके द्वारा व्यस्तता में भी समय निकाल कर सभी को जानकारी उपलब्ध करवाई जाती है । बहुत ही प्रशंसनीय कार्य है ।

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  4. बहुत सुंदर

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  5. बहुत ही सुंदर वर्णन श्रीमान जी

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  6. आज के समय में बच्चों को इतिहास इतने आसानी से समझ नहीं आता परंतु इस तरह के विस्तृत वर्णन से घूमने जाने पर अनदेखा नहीं लगेगा और लाइव घूमा हुआ प्लेस हमेशा मेमोरी में रहता बहुत ही सुंदर

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  7. विदिशा जिले की सांस्कृतिक धरोहर जो समय के साथ विलुप्त हो रही है उनका संरक्षण किया जाना चाहिए । यह हमारी विरासत है। आपके द्वारा ऐसी ही जगहों का बहुत ही रोचक वर्णन किया जाता है जिससे हमे बहुत सी जानकारियां प्राप्त होती है।
    धन्यवाद

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  8. बेहद खूबसूरत

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  9. बहुत खूब श्रीमान , आज भी इतना कुछ मौजूद है, तत् समय अवश्य महत्वपूर्ण मार्ग, रियासत, साम्राज्य का हिस्सा होंगे, जो आज विलुप्ति और विस्मृति की कगार पर हैं, धन्यवाद पूरा महत्त्व की जानकारी

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  10. श्रीमान जी बहुत ही सुन्दर एवं रौचक जानकारी दी धन्यवाद ।

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  11. महोदय जी मुझे प्रत्येक रविवार आपके एक नये लेख आने का इंतजार रहता है जिसे पढ़ कर नई नई जानकारीयाँ प्राप्त होती है.... वैसे तो आपका प्रत्येक लेख महत्वपूर्ण जानकारी युक्त रहता है परंतु कुछ लेख ऐसे होते हैं जिनमें जो लिखित मे दर्शाया गया है वह अब से पहले कभी भी नहीं पढ़ा गया है.... 🙏🙏🙏

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  12. It is best vlog I had ever read all the information are very helpful to know about tha historical importance of this hidden village , and photographs are very amazing

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  13. महोदय बहुत ही बढ़िया और अज्ञात इतिहासिक जानकारी आपने एकत्र की है।जो सराहनीय है।

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  14. विदिशा की दीर्घकालिक ऐतिहासिक तथ्यों से भरे रोचक अजूबे🙏🏻

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  15. Thankyou for this wonderful knowledge. Ready to take more knowledge from you.

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  16. Excellent efforts at our historical vaillages ki lupat hoti hui historical veerast ko search kar published karne ke liye aapka yogdan great hai sir ji very nice blog.......... No doubt...

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  17. विदिशा के पुरातन ऐतिहासिक स्थलों की रोचक जानकारी के लिए धन्यवाद 🙏🏻 सरकार को इन अमूल्य धरोहरों को संरक्षित करना चाहिए

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  18. हमारे आस पास इतनी पुरा संपदा बिखरी पड़ी हुई है जब कोई इनके वारे में जानकारी एकत्र करके बताता है तब महसूस होता है कि अरे मैने भी उन्हें देखा है लेकिन दृष्टिकोण जानने का नहीं रहता आपने उसके इतिहास एवं महत्व को बताया है तब हमे भी गर्व महसूस होता है और हमारे पूर्वजों के रहन सहन तौर तरीकों का पता चलता अगले ब्लॉग का इंतजार रहेगा धन्यवाद

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  19. Bahutt hi shaandaar karya 🙌🏻

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