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Vamana temple Khajuraho ( वामन मंदिर खजुराहो ) A great temple of lord Vishnu

Vamana temple Khajuraho ( वामन मंदिर खजुराहो ) A great temple of lord Vishnu :

वामन मंदिर खजुराहो 

    इस सीरीज में हम खजुराहो के मंदिरों के बारे में विस्तृत चर्चा कर रहे हैं। खजुराहो के लगभग सभी मंदिर कलाकृतियों और सुंदरता की दृष्टि से अभूतपूर्व है और दुनिया में लगभग इनके समानांतर कहीं और होना असंभव है। यह मंदिर भारतीय मूर्ति कारों के अद्वितीय कौशल का प्रतीक है। खजुराहो के मंदिरों की सुंदरता को शब्दों में बयान करना लगभग असंभव है। मूर्तियों के जरिए जिस बेहतरीन कला द्वारा  इंसानों की समस्त भावनाओं को दिखाया गया है वह सिर्फ आंखों से महसूस किया जा सकता है उसे शब्दों में वर्णन किया जाना बहुत ही मुश्किल है। जैसा कि हम पिछली  पोस्टों में आपको  बता चुके हैं की खजुराहो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित एक छोटा सा कस्बा है जो कि मध्यकालीन मंदिरों के समूह के लिए विश्वविख्यात है। यह मंदिर 9 वीं शताब्दी से बारहवीं शताब्दी के मध्य में चंदेल राजाओं द्वारा बनवाए गए थे। यह मंदिर पूरी दुनिया में अपनी अनूठी शिल्प कला के लिए विख्यात है और इसी कारण यूनेस्को वर्ल्ड हेरीटेज साइट में वर्ष 1986 में शामिल किए गए थे। खजुराहो के मंदिरों को तीन समूहों में बांटा गया है पूर्वी समूह पश्चिमी समूह और दक्षिणी समूह। 

    आज हम पूर्वी समूह के मुख्य मंदिर बामन मंदिर के बारे में विस्तृत सर चर्चा करेंगे और समझेंगे कि यह कहां हैं , यहां कैसे पहुंचा जा सकता है और क्यों प्रसिद्ध है। 


वामन मंदिर खजुराहो 


    वामन मंदिर  पूर्वी समूह का मुख्य मंदिर है और पुरानी बस्ती चौराहे से लगभग 500 metre की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर भगवान विष्णु के वामन अवतार को समर्पित किया गया है और ब्रह्मा मंदिर से लगभग 200 से 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण लगभग 1050 से 1075  ईसवी के मध्य में करवाया गया था। इस मंदिर में अर्थ मंडप, महा मंडप, अंतराल और गर्भ ग्रह है। यह मंदिर निरंधार शैली का मंदिर है। मंदिर का निर्माण एक ऊंचे भव्य चबूतरे पर करवाया गया है। यह  लगभग 62 फुट लंबा और 45 फुट चौड़ा है। मंदिर में प्रदक्षिणा पथ का अभाव है। मंदिर का भवन अधिक भारी व सुदृढ़ है। एक विशेष बात यह है कि इस मंदिर में मिथुन मूर्तियों का अत्यंत अभाव है। अधिकांश मूर्तियां एकल प्रतिमाएं हैं । यही शिव विवाह का खूबसूरत अंकन  भी देखने को मिलता है । बामन मंदिर की खूबसूरत दीवारें इसके भव्य वास्तुशिल्प का प्रतीक है । इस मंदिर की ऊंची चोटी को भी नक्काशी करके सजाया गया है। यह मंदिर इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इसके महा मंडप के ऊपर आकर्षक छत है और तोरण का अलंकरण किया गया है। प्रतिमा और स्थापत्य शैली के आधार पर इस मंदिर का निर्माण लगभग 1050 -1075  में निर्धारित किया गया है।  

Vamana Statue  of  temple : (Lord vamana avtar an avatar  of the god Vishnu )

वामन अवतार भगवन विष्णु 


    गर्भ ग्रह में भगवान विष्णु के वामन अवतार की लगभग 5 फीट ऊंची एक अत्यंत भव्य मूर्ति प्रतिष्ठित है।  मूर्ति को बहुत ही सजीव चित्रण किया गया है। दोनों तरफ क्रमशः चक्रपुष्प है। मंदिर के गर्भगृह के प्रवेशद्वार सप्तशाखाओ से अलंकृत है।  गर्भ ग्रह के चारों ओर नीचे की पंक्ति में वराह, नरसिंह ,बामन आदि अवतार आसीन है। मंदिर की बाहरी दीवार पर दो प्रकारों में मूर्तियां हैा  मंदिर भारी और मजबूती से बना हुआ है। कुछ-कुछ बनावट जैन मंदिर समूह के  आदिनाथ मंदिर से मिलती जुलती है। वयाल और महिलाओं की मूर्तियां बहुत ही सजीव है।  हर प्रतिमा का चेहरा बड़ी मेहनत से उकेरा गया है और प्रेत्यक प्रतिमा  का भाव भी अलग-अलग है। मंदिर के बाहर की तरफ एक आकर्षक  बगीचा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा विकसित किया गया है और सर्दियों में यह बहुत ही मनमोहक और एक बहुत ही शानदार एहसास कराता है। मंदिर को देख. ने का समय शाम का समय होना चाहिए जब सूर्य देव मंदिर के पीछे की तरफ अस्त होने वाले हो उस समय ऐसा नजारा होता है की पूरा मंदिर सूर्य देव के आगोश में जाने वाला हो। 

Vaman Temple Khajuraho 


बामन मंदिर तक कैैसे पहुंचा जाए  : 

    खजुराहो की मुख्य पुरानी  बस्ती एयरपोर्ट से लगभग 8 किलोमीटर और रेलवे स्टेशन से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गर्मियों के सीजन को छोड़कर लगभग नियमित फ्लाइट  यहां आती हैं और ट्रेनों की कनेक्टिविटी से खजुराहो जुड़ा हुआ है और बसों के माध्यम से छतरपुर झांसी या सतना से भी आया जा सकता है। यहां आने का सबसे सही मौसम है। माह  सितंबर से लेकर माह फरवरी के बीच का समय सबसे सही समय है, तब यहां का बगीचा बहुत ही आकर्षक फूलों की सुंदरता से आपको मंत्र मुक्त कर देगा।


वामन मंदिर का सूर्यास्त के समय का नजारा :

वामन मंदिर खजुराहो 


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