Ticker

6/recent/ticker-posts

Matangeshwar Temple - Khajuraho

Matangeshwar Temple Khajuraho ( Great Shiva Temple )  : 

Matangeshwar Temple Khajuraho 


        मतंगेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के खजुराहो में स्थित एक प्राचीन और चमत्कारी शिव मंदिर है। चमत्कारिक इसलिए कि यह आज भी आधुनिक विज्ञान के सामने चुनौती से कम नहीं है। इस मंदिर में महादेव का चमत्कारी शिवलिंग है जो कि हर साल आकार में बढ़ रहा है। यह खजुराहो के सबसे पवित्र मंदिरों में हैं। मंदिर खजुराहो के लोगों की आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। जैसा कि हम पहले की पोस्ट में चर्चा कर चुके हैं कि खजुराहो के मंदिर तीन समूहों में विभाजित है पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी। मतंगेश्वर महादेव मंदिर पश्चिमी मंदिर समूह की बाउंड्री वॉल के बाहर की ओर स्थित है। यह बिल्कुल लक्ष्मण मंदिर के बगल से सटा हुआ है। क्योंकि इस मंदिर में  आज भी पूजा होती है इसीलिए इसको मंदिर समूह से बाहर रखा गया है।अन्य सभी मंदिर सूर्योदय के समय खुलते हैं और सूर्यास्त के समय बंद हो जाते हैं परंतु मतंगेश्वर मंदिर में आज भी पूजा अर्चना होती है इसीलिए यह यह मन्दिर हमेशा दर्शन के लिए खुला रहता है। यह मंदिर भी चंदेला शासकों द्वारा बनाया गया है और काफी प्राचीन मंदिर है। 

Matangeshwar Temple Khajuraho 

 

History of Matangeshwar Tample : 


        भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा मतंगेश्वर महादेव का समय 900 ईसवी से 925 के मध्य निर्धारित किया गया है क्योंकि इस मंदिर की बनावट खजुराहो के अन्य मंदिरों के मुकाबले काफी साधारण है। अतः यह माना जा सकता है कि यह मंदिर खजुराहो के प्रारंभिक मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में  बाहरी दीवारों पर खजुराहो के अन्य मंदिरों जैसा प्रतीकों का इस्तेमाल नहीं किया गया है। बनावट में यह मंदिर पूर्वी समूह के ब्रह्मा मंदिर से मिलता जुलता है परंतु इसका आकार ब्रह्मा मंदिर से कुछ बड़ा है।एक ऊंचे चबूतरे पर इस मंदिर का निर्माण किया गया है।इस मंदिर में छत में आकर्षक नक्काशी की गई है और विस्तृत मंडप दर्शाया गया है। इसमें पिलर सामान्य है और उन पर किसी तरह का डिजाइन नहीं किया गया है। इस मंदिर का गर्भ ग्रह वर्गाकार है। मंदिर का प्रवेश द्वार पूर्व की ओर है और मंदिर का शिखर बहुमंजिला है। मंदिर के गर्भ गृह में एक विशाल शिवलिंग स्थित है। इसकी ऊंचाई लगभग 2.5 मीटर है और घेरा लगभग एक मीटर का है। मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियों को चढ़ना पड़ता है और घुमावदार रास्ते से शिवलिंग पर पहुंचा जाता है ।

Shivlinga of Matangeshwar Temple 


Some interesting facts about matangeshwar temple : 

Matangeshwar Temple Khajuraho 


        पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव के पास मरकत मणि थी, जिसे भोलेनाथ ने पांडवों के भाई युधिष्ठिर को दे दी थी। महाराज युधिष्ठिर ने संन्यास लेते समय  यह मणि मतंग ऋषि नमक साधु को दी  और उन्होंने राजा हर्ष वर्मन को दे दी। राजा हर्ष वर्मन ने इस मणि को लोक कल्याण हेतु धरती के  नीचे रख कर उसके उपर इस महादेव मंदिर का निर्माण करवाया। मतंग  ऋषि की मणि के कारण इसका नाम मतंगेश्वर महादेव पड़ा। ऐसी मान्यता है कि शिवलिंग के नीचे  मणि आज भी सुरक्षित है। मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था जिस कारण से यह देव और आदिशक्ति के पवित्र प्रेम का प्रतीक भी है। मंदिर में स्थित शिवलिंग  9 फीट जमीन के अंदर और उतना ही बाहर की ओर स्थित है। यह भी मान्यता है कि इस शिवलिंग की ऊंचाई प्रतिवर्ष 1 इंच बढ़ती जा रही है। शिवलिंग की विशेषता है कि जितना ऊपर की तरफ बढ़ता है उतना ही नीचे की तरफ ही बढ़ता है। शरद पूर्णिमा के दिन अपार जनसैलाबहुत इस मंदिर में उपस्थित होता है।वैसे तो पूरे साल भर यहां दर्शनों के लिए भक्तों का आना होता है लेकिन सावन के माह में यहां भक्तों का अपार जनसैलाब आता है।

Mahashivratri of Matangeshwar Temple Khajuraho :

Shivratri festival at Matangeshwar Temple 


        महाशिवरात्रि के दिन यहाँ हजारो की संख्या में जनता भोलेनाथ के दर्शन के लिए आती है।  इस दिन मंदिर की खास सजावट की जाती है और रात के समय मंदिर का अद्धभुत  नजारा होता है।  महादेव की बारात  और झांकी पूरे  खजुराहो में  यात्रा निकाली जाती है।  बहुत ही सजीव और आकर्षक क्षण होता है। 
मतंगेश्वर मंदिर खजुराहो 


 How to reach Matangeshwar temple : 


        क्योंकि खजुराहो एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल है अतः यहां तक पहुंचना काफी आसान है।नजदीकी एयरपोर्ट खजुराहो एयरपोर्ट है और लगभग 8 किलोमीटर दूर रेलवे स्टेशन भी है जो भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। यह सड़क मार्ग द्वारा भी भारत के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।

Photo Gallery  :

मतंगेश्वर मंदिर खजुराहो 

shivratri at khajuraho 

shivratri festival at khajuraho 

Post a Comment

1 Comments