श्री प्राणनाथ जी मंदिर पन्ना :Shri Prannath ji Mandir Panna :
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shri pranath ji temple panna |
मित्रों आज के ब्लॉग में मैं उस क्षेत्र के बारे में लिखूंगा जहां लगभग चार साल से अधिक समय व्यतीत किया और पाया कि यह क्षेत्र वास्तव में विरला और अनूठा है। मैं बात कर रहा हूँ मध्यप्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों में शामिल बुंदेलखंड के पन्ना जिले की। वर्ष 2017 से 2022 तक मुझे पन्ना और छतरपुर जिले में सेवा का मौका मिला। जिसमे छतरपुर का खजुराहो और समस्त पन्ना जिला शामिल है। खजुराहो अपने आप में एक बहुत बड़ा विषय है जिस पर अलग से एक सीरीज लिखूंगा। पन्ना जिला उत्तरी मध्यप्रदेश का एक जिला है जो उत्तरप्रदेश की सीमा से जुड़ा हुआ है। सीमावर्ती जिले बाँदा और महोबा है। पन्ना जिले की लाइफलाइन केन नदी है। केन नदी का ब्लॉग नीचे दी गयी लिंक क्लिक पर आप पढ़ सकते है।
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shri prannath ji temple panna |
पर आज हम मध्य प्रदेश के उस क्षेत्र के ऐतिहासिक मंदिर और तीर्थ स्थलों के बारे में चर्चा करेंगे जो वैसे तो मध्य प्रदेश में पिछड़ा हुआ क्षेत्र माना जाता है,परंतु कई मायनों में मध्यप्रदेश का ऐसा बिरला क्षेत्र है जो यहां पाया जाता है वह संसार में कहीं नहीं पाया जाता , उदाहरण के लिए हीरा । जी हां हीरा सिर्फ भारत में पन्ना में ही पाया जाता है और एनएमडीसी पन्ना पूरे एशिया की इकलौती खदान है जो आज भी जीवित अवस्था में है। हालांकि एनएमडीसी पन्ना की हीरा खदान के बारे में मैं अगले ब्लॉग में विस्तृत वर्णन करूंगा तथापि आज का ब्लॉग का मुख्य विषय है पन्ना के ऐतिहासिक मंदिर। वैसे तो पन्ना अपने ऐतिहासिक मंदिरों के लिए पूरी दुनिया में विख्यात है इनमें मुख्य रूप से प्राणनाथ जी मंदिर, जुगल किशोर मंदिर, बलदेव जी मंदिर, श्री राम मंदिर , जगन्नाथ जी मंदिर, दानदायी मंदिर , परम ज्योति मंदिर आदि। बलदेव जी मंदिर पर पहले एक ब्लॉग लिख चुका हूँ जिसकी लिंक नीचे दी गयी है
अगली सीरिज में,मैं इन सभी मंदिरों का विस्तृत वर्णन जरूर करूंगा।
आज का मुख्य विषय है श्री प्राणनाथ जी मंदिर।
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श्री प्राणनाथ जी मंदिर पन्ना रात्रि समय की फोटो |
श्री प्राणनाथ जी मंदिर :
पन्ना जिले में भगवान प्राणनाथ जी का मंदिर स्थित है जिसे प्रणामी धर्म के लिए सबसे विशेष तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है। महामति प्राणनाथ जी मंदिर प्रणामी संप्रदाय का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और शरद पूर्णिमा के दौरान यहां लाखों की संख्या में भक्त आते है। ऐसा माना जाता है कि महामति प्राणनाथजी लगभग 11 साल तक इस स्थान पर रहे जिसके बाद उन्होंने इस मंदिर के एक गुंबद के अंदर समाधि ली। मंदिर सन 1688 में प्रारम्भ कर 1692 में बनाया गया था और इसके गुम्बदों और कमल संरचनाओं में मुस्लिम और हिंदू स्थापत्य शैली का प्रयोग किया गया है। मंदिर को 6 भागों में बांटा गया है जैसे श्री गुम्मट जी, श्री बंगला जी, श्री सद्गुरु मंदिर, श्री बाईजू राज मंदिर, श्री चोपड़ा मंदिर और श्री खेजड़ा मंदिर। इस तीर्थ स्थल का मुख्य आकर्षण श्री गुम्मट जी है जो 9 संगमरमर के गुंबद वाली एक गोलाकार इमारत है। इनमें से आठ गुंबद आठ दिशाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं और केंद्रीय गुंबद में एक दिव्य स्वर्ण कलश पर महामति की पांच शक्तियों का प्रतीक पंजा लगा हुआ है। इसके अलावा कमानी दरवाजा एक प्रसिद्ध मंदिर द्वार है जिसका निर्माण चांदी की धातु का उपयोग करके किया गया है।
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श्री प्राणनाथ जी मंदिर पन्ना |
महामति प्राणनाथ जी मंदिर की जानकारी :
इस मंदिर की परिक्रमा करने पर श्रद्धालुओं की मान्यता है कि यहां परिक्रमा करने से भक्तों को अनुभूति और मन को शांति मिलती है। प्रणामी संप्रदाय में श्रद्धालुओं और भक्तों को सुंदर साथ कहा जाता है। प्रणामी धर्म के पवित्र तीर्थ स्थल में आए हुए भक्तों द्वारा प्रातः 5:00 बजे से पृथ्वी परिक्रमा करने की परंपरा चलती है और तब तक जारी रहती है जब तक पूरे नगर का एक चक्कर नहीं हो जाता। महामती प्राणनाथ मंदिर की परिक्रमा लगभग 25 किलोमीटर का मार्ग है। मंदिर प्रांगड़ में एक म्यूजियम भी बनाया हुआ है जिसमे कई वस्तुएँ और साहित्य सुरक्षित रखा हुआ है।
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shri prannath ji mandir panna |
महामती प्राणनाथ ने संवत 1740 में खेजड़ा मंदिर परिसर में बुंदेलखंड की रक्षा के लिए महाराजा छत्रसाल को तलवार सौंपी थी और संकल्प कराया था जब तक जीतकर नहीं आओगे तब तक मैं यही रुकूंगा, परिणाम स्वरूप महाराजा छत्रसाल ने पूरे बुंदेलखंड पर विजय प्राप्त की और पन्ना को अपनी राजधानी बनाया था। महामती प्राणनाथ मध्ययुगीन भारत के संत और कवि थे। इन्होंने आगे प्रणामी संप्रदाय की स्थापना की जिसमें सभी धर्मों के लोग सम्मिलित हुए। उनकी वाणी का सार 'तारतम सागर' नामक ग्रंथ में संकलित है। यह प्रणामी संप्रदाय का प्रमुख और पवित्र ग्रंथ है। कमानी दरवाजा एक प्रसिद्ध मंदिर द्वार है जिसका निर्माण चांदी की धातु का उपयोग करके किया गया है। मंदिर में अंदर विशेषकर छत्त पर कृष्णलीलाओं का चित्रण और दीवालों पर महामति के जीवन की कई घटनाओ का चित्रण किया गया है।
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कमानी दरवाजा प्राणनाथ जी मंदिर |
महामति प्राणनाथ जी का जन्म 6 अक्टूबर 1618 को जामनगर गुजरात में हुआ। उनका असली नाम श्री मेहराज ठाकुर था। सन 1683 में श्री प्राणनाथ जी मध्यप्रदेश आए और पन्ना की सुरम्य वादियों के मध्य धर्म अध्यात्म की गंगा प्रवाहित की। वर्ष 1694 में महामति प्राणनाथ जी में आखिरी सांस ली। बुंदेलखंड केसरी महाराजा छत्रसाल प्राणनाथ जी के समर्पित शिष्य थे। महाराजा छत्रसाल औरंगजेब के खिलाफ लड़ना चाहते थे लेकिन उनके पास पर्याप्त धन और सेना नहीं थी। प्राणनाथ जी ने महाराजा छत्रसाल को वही हौसला दिया जो शिवाजी महाराज को समर्थ गुरु रामदास जी ने दिया था। बाद में महाराजा छत्रसाल ने मुगलो के विरुद्ध कई जीत हासिल की और पन्ना को अपनी राजधानी बनाया।
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श्री प्राणनाथ जी मंदिर पन्ना |
इस मंदिर का निर्माण अनंत श्री स्वामी श्री प्राणनाथ जी के परम शिष्य श्री महाराजा छत्रसाल जी और तीन सुन्दर साथ जी श्रमदान द्वारा सन 1688 में हुआ। बुंदेला और हिन्दू मुस्लिम स्थापत्य कला पर यह मंदिर बनाया गया है। महाप्रभु इसी मंदिर में चिंतन करते थे और यही ब्रह्मलीन हुए। अस्तु इस मंदिर का मुक्ति धाम के रूप में विशेष महत्व है। पन्ना नगर में सर्वप्रथम निर्मित यह मंदिर पुरातन मंदिर है। यह मंदिर पन्ना का सबसे विशाल और पुरातन मंदिर है। मंदिर की दीवालो और जालियो की स्थापत्य मुग़ल कला और हिन्दू कला का बुंदेली कला से मिश्रण अनूठा है।
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श्री प्राणनाथ जी मंदिर पन्ना |
श्री प्राणनाथ जी मंदिर पन्ना तक पहुंचे कैसे : How to reach shri prannath ji temple Panna :
पन्ना का नजदीकी रेलवे स्टेशन खजुराहो 45 km है। सतना 75 km दूरी पर स्तिथ है। पन्ना सड़क मार्ग से अच्छे से जुड़ा हुआ है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग 79 पर स्तिथ है। श्री प्राणनाथ मंदिर शहर मध्य स्तिथ है और आसानी से ऑटो आदि से पहुंचा जा सकता है।
मंदिर दर्शन का समय : प्रातः 05.30 से 11.30 तक और सायं 06 .30 से 10.30 तक
फोटो गैलरी श्री प्राणनाथ जी मंदिर पन्ना : Photo Gallery Shri Prannath ji temple panna :
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श्री प्राणनाथ जी मंदिर का दृश्य |
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श्री प्राणनाथ जी मंदिर |
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श्री प्राणनाथ जी म्यूजियम पन्ना |
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श्री प्राणनाथ जी मंदिर |
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श्री प्राणनाथ जी मंदिर |
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श्री प्राणनाथ जी मंदिर पन्ना |
14 Comments
Jai prarnath pyare kii..
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत चित्रण और वर्णन👍👍
ReplyDeleteबेहद सुंदर चित्रण
ReplyDeleteअति सुंदर
ReplyDeleteSu
ReplyDeleteअति सुन्दर
ReplyDeleteNice information sir ji
ReplyDeleteFuntastic Information sir ji
ReplyDeleteकहते हैं पन्ना में भी चार धाम है।जिनमे प्राणनाथ धाम हृदय का स्थान रखता है। आस्था का अपार सागर है पन्ना🙏🏻
ReplyDeleteMiss u my home town
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteMuch informative compilation
ReplyDeleteThanks
DeleteGreat knowledge 👌👌🙏🙏🙏
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