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chanderi : The hidden gem of Indian history and city of mystery

Chanderi The hidden gem of Indian history and city of mystery  :

चंदेरी भारत के इतिहास का एक अनमोल हीरा और रहस्यों का शहर :


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Koshak Mahal Chanderi 

साथियो पिछले ब्लॉग में मैंने चंदेरी पर एक ब्लॉग लिखा था जिसमे चंदेरी शहर के इतिहास और कई प्रमुख एतिहासिक इमारतों के बारे में लिखा था।  यदि  वह ब्लॉग नहीं पढ़ा तो लिंक नीचे दी गयी है जिस पर क्लिक कर आप इसे पढ़ सकते है। 

Chanderi - a town of forts and art चंदेरी : किलों और कला का शहर

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कोशक महल चंदेरी 


जैसे की पिछले चंदेरी ब्लॉग में मैंने लिखा था कि एक ब्लॉग में चंदेरी को कवर करना संभव नहीं है और कम से कम तीन दिन तो चाहिए ही। पिछले ब्लॉग में चंदेरी का प्रारम्भिक इतिहास ,चंदेरी का युद्ध, जोहर स्मारक, कीर्ति दुर्ग ,बैजू बाबरा की समाधि के बारे में विस्तार से लिखा था।  कई मित्रों ने कहा कि एक ब्लॉग और चंदेरी पर लिखिए तो दिनांक 26.11.23 को फिर एक बार चंदेरी पहुँच गया। इस बार भी पहुँचने में थोड़ा विलम्ब हो गया।  इस बार जो स्मारक कवर किये वह चंदेरी के प्रमुख और महत्वपूर्ण स्मारक है।  

स्त्री मूवी सेट चंदेरी 

इस बार की विशेषता यह रही कि इस बार राजा रानी महल परिसर में मूवी स्त्री पार्ट 2 की शूटिंग को देखने का अवसर भी मिला।  

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कोशक महल चंदेरी 

कोशक महल चंदेरी : koshak Mahal chanderi : 

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koshak mahal chanderi 

        इस महल का निर्माण मालवा के सुल्तान द्वारा अपनी विजय की स्मृति के रूप में करवाया गया था। इस महल के बारे में कई किवदंतिया और रहस्य कथाये प्रचलित है। शुरुआत में इस महल को सात मंजिल बनाने का योजना थी परंतु किसी कारणवश कौशक महल की तीन मंजिल ही पूर्ण हो पाई। मालवा के सुल्तान महमूद शाह खिलजी ने वर्ष 1445 में इस महल का निर्माण कालपी में सुल्तान महमूद शर्की के ऊपर विजय हासिल करने की स्मृति के रूप में करवाया था। एक कहानी यह भी प्रचलित है कि इस महल का निर्माण सुल्तान ने इस क्षेत्र में बढ़ी हुई बेरोजगारी को दूर करने के लिए और मजदूरों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए भी करवाया था। कालपी में जीत के बहाने का उपयोग कर काम और वेतन के साथ लोगों को व्यस्त रखने के लिए इस परियोजना को शुरू किया गया। 

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कोशक महल चंदेरी 


        इतिहासकार मोहम्मद कासिम फरिश्ता ने अपने तारीक ए  फरिश्ता में लिखा है कि कौशक महल को मालवा के सुल्तान महमूद शाह खिलजी के द्वारा कालपी की लड़ाई में सुल्तान मोहम्मद शर्की  पर अपनी विजय की स्मृति में बनयाया गया था। इस महल में इस्तेमाल होने वाले स्थानीय बलुआ  पत्थर ने न केवल इस महल की खूबसूरती को बढ़ाया बल्कि इसके पास में दो पानी के बड़े तालाब भी निर्माण करवाये। इस महल के निर्माण के लिए जो बलुआ पत्थर का प्रयोग किया गया है वह फतेहाबाद के पास छियोली नदी में से निकाल कर लाया गया जिसके परिणाम स्वरुप मलूखा और सुल्तानिया तालाब का निर्माण हुआ। एक कहानी यह भी प्रचलित है कि चंदेरी के दुर्ग से एक कोस की दूरी पर होने के कारण है इसका नाम कौशक महल हो गया।

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koshak mahal chanderi 

        ह महल एक चार कार्नर  युक्त संरचना है जिसमें बड़े द्वारा हैं जो धनुष के आकार के हैं। इस महल को सुल्तान द्वारा उनकी परिकल्पना इसके मूल नाम खुशक ए हफ्त मंजिल या सात मंजिल वाला भवन के अनुरूप बनवाया जाना था परंतु मात्र तीन मंजिल ही बन सके और उनकी मृत्यु के बाद महल का निर्माण कार्य रुक गया। आज भी इस महल की तीन मंजिल सुरक्षित स्थिति में है और चौथी मंजिल पर कुछ अवशेष दिखते हैं। महल के हर हिस्से में प्रत्येक झरोखे, खिड़कियों और छत पर बहुत शानदार नक्काशी की गई है। यह भवन वर्गाकार है। कुछ इतिहासकारों का यह कहना है कि समय के साथ ऊपरी मंजिलें ध्वस्त हो गई जबकि कुछ इतिहासकारो का यह मानना है कि यह कार्य कभी पूरा ही नहीं हो पाया।   

शहजादी का रोज़ा
शहज़ादी का रोज़ा चंदेरी 

शहजादी का रोजा  : Shahzadi ka  Roza 


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चंदेरी स्तिथ शहज़ादी का रोज़ा स्मारक 

चंदेरी बस स्टैंड से लगभग दो किलोमीटर की दूर स्तिथ यह भव्य ईमारत चंदेरी का एक प्रमुख tourist spot है। शहजादी का रोज़ा स्मारक को एक प्रेम की निशानी के तौर पर भी याद किया जाता है। यह  एक भव्य स्मारक और संरचना है , जिसे 12 फीट ऊंचे चबूतरे पर बनाया गया है। शहजादी का रोज़ा परमेश्वर तालाब के पास ही स्थित है। बाहर से देखने पर यह दो मंजिल संरचना दिखती है जिसे धनुषाकार संरचनाओं में बांटा गया है। लेकिन वास्तव में यह स्मारक केवल एक मंजिल का कमरा है। मूल ढांचे को गुंबद,चार कोनों पर चार द्वारा और बीच में एक बड़ा दरवाजा से बना था। ऊपर इसका गुंबद और कुछ संरचनाओं नष्ट हो चुकी हैं। 

शहजादी के रोजा का इतिहास : History of Shahzadi ka Roza :

शहज़ादी का रोज़ा चंदेरी स्तिथ स्मारक 

मेहरुनिसा और सेनापति की कब्र 

        15वीं सदी में बना यह भवन उस समय के चंदेरी के राज्यपाल हाकिम द्वारा अपनी बेटी मेहरुन्निसा की स्मृति में बनवाई हुई कब्र है। इस स्मारक के निर्माण के पीछे की कहानी यह है कि मेहरूनिशा को  सेनापति से प्रेम हो गया था  जबकि हाकिम इस प्रेम के खिलाफ था और उस सेनापति के खिलाफ कार्रवाई का फैसला किया था। युद्ध के बाद जब सेनापति रणभूमि से घायल वापस चंदेरी पहुंचा और इसी स्थान पर थोड़े से गिरकर उसकी मृत्यु हो गई जहां यह स्मारक बना है। जब मेहरुन्निसा को इस घटना के बारे में पता चला था वह भी उस स्थान पर पहुंची परन्तु उससे पहले ही सेनापति की  मृत्यु हो चुकी थी। इस दुःखद स्थिति में मेहरून्निशा ने भी अपने जीवन को वहीं पर समाप्त कर लिया। हाकिम को अपनी बेटी से बहुत प्यार था और उसने उन दोनों को एक साथ दफनाया और एक सुंदर कब्र बनवाई। कब्र के चारों ओर एक विशाल तालाब का निर्माण भी करवाया जिसमें चारों तरफ पानी भरा था। इस तालाब की दीवालें अभी भी देखी जा सकती है, परंतु अब यहां पर खेत है और तालाब मौजूद नहीं है। यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। 

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शहज़ादी का रोजा स्मारक चन्देरी 

चंदेरी संग्रहालय : Chanderi Museum 

Chanderi Museum 


        मुंगावली से चंदेरी आते हुए यह चंदेरी सड़क पर दो-तीन किलोमीटर पहले स्थित है। पत्थरों की दीवारों वाला यह संग्रहालय बहुत शानदार मूर्तियां और संरचनाओं को अपने में संग्रह किए हुए हैं। मुख्य रूप से बूढी चंदेरी और थूबोन से लाई हुई मूर्तियों को यहां पर रखा गया है। 14 सितंबर 2008 को इस संग्रहालय में पांच दीर्घा को बांटा गया है। पहली गैलरी में चंदेरी का इतिहास है nanuyan और अन्य रॉक शेल्टर में पायी हुई रॉक पेंटिंग्स और कलाकृतियों को यहां प्रदर्शनी लगाई गई है। एक गैलरी जैन गैलरी है जिसमें विभिन्न जैन मूर्तियां को और स्मारकों को यहां रखा गया है। अन्य दीर्घा विष्णु गैलरी में भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों जैसे वराह, वामन, नरसिंह आदि मूर्तियां रखी हुई हैं। इमारत के बाहरी परिसर में विभिन्न विशालकाय मूर्तियों को रखा गया है।  

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चंदेरी राजा रानी महल 

बादल महल दरवाजा चंदेरी  : Badal Mahal Gate Chanderi 

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बादल महल चंदेरी दरवाजा 

        बादल महल स्मारक चंदेरी के शहर के बीचो-बीच स्थित भव्य  संरचना है। इस स्थान पर एक विशाल दरवाजा और उसके चारों तरफ एक बगीचा विद्यमान है। मेहराबदार gate स्वयं प्रवेश द्वार का काम करता था जिसके दोनों तरफ दो लम्बे बांसुरी नुमा मीनार स्थित है दरवाजे के ऊपर कुछ स्थान खाली है और सबसे ऊपर एक और मेहराबदार जाली है जिसमें अलग-अलग पैटर्न की जाली बनाई गई है। इस दरवाजे का निर्माण सुल्तान महमूद शाह खिलजी के द्वारा 15 वी सदी में करवाया गया था।   यह एक विशाल दरवाजा है जो चारो तरफ से एक सुन्दर बगीचे और विशाल दीवारों से घिरा हुआ है। कहा जाता है उस समय प्रमुख व्यक्तियों को सम्मान देने के लिया इस दरवाजे से लाया जाता था। 

राजा रानी महल चंदेरी 

राजा रानी महल : Raja Rani Mahal Chanderi : 

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राजा रानी महल चंदेरी 


        चंदेरी के बीचो-बीच स्थित इस विशाल राजा रानी महल में दो अलग-अलग इमारते हैं जो स्तंभों पर टिकी हुई है। चंदेरी में किसी समय 260 महल स्थित थे जिनमें केवल आज 43 ही बचे है। राजा महल को शानदार नक्काशी के साथ सात मंजिला संरचना के रूप में डिजाइन किया गया है। दोनों महल की इमारतें अलग-अलग शैलियों में बनाई गई है और संभव जो अलग-अलग समय की है। यह महल भूरे और सफेद बलुआ पत्थर से बनी एक खूबसूरत इमारत है। यह महल एक शानदार संरचना है जिसमें विशाल मंदिर, सुंदर सीढ़ियां, सुंदर खंबे, गालियारे और छत पर खुला मंडप शामिल है। महल में एक संपूर्ण मार्ग है जो आपस में महल को जोड़ता है। छोटे महल को रानी महल कहा जाता है और बड़े महल को राजा महल कहा जाता है। दोनों मंदिरों की वस्तुकाला आपस में अलग-अलग है। इन महलों का निर्माण संभवत  15वीं सदी में खिलजी काल के दौरान हुआ था।  महल के ऊपरी हिस्से में बुंदेला शैली का इस्तेमाल है जो यह संकेत देता है कि 17 वी शताब्दी में इसमें और निर्माण कार्य हुआ है जब यहां बुंदेला शासन आया।

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चंदेरी राजा रानी महल 

        कुछ स्थल समय की कमी से अभी कवर नहीं कर पाया हूँ।  यह ब्लॉग लिखने के बाद अभी भी कई अनेको ऐतिहासिक स्मारक छूट गए है जिन को भी कवर करना है।  एक प्रमुख स्थल है बूढी चंदेरी जो चंदेरी से 20 km दूर एक गावं है और प्राचीन चंदेरी वही है। कुछ शैल चित्र  और rock shelters का भी पता चला है। लगभग 10 km की दूरी पर प्रसिद्ध राजघाट बाँध भी है जहा कुछ ऐतिहासिक स्थल मौजद है।  अगले ब्लॉग में part 3 में उनको भी कवर करने की कोशिश करूँगा।  

खूनी दरवाजा चंदेरी 

खूनी दरवाजा चंदेरी ( Khooni Darwaja Chanderi ) :

खूनी दरवाजा चंदेरी 

कीर्ति दुर्ग पर जाने के यह प्रमुख दरवाजा है।इतिहास में इसका उल्लेख खूनी दरवाजा के नाम से किया गया है। इतिहासकार बताते है कि पहले समय में यह अपराधियों को फांसी की सजा दे जाती थी।  28 जनवरी 1528 को युद्ध में राजा मेदनी राय वीरगति को प्राप्त हुए युद्ध में सैकड़ों सैनिक मारे गए, सिर्फ खून ही खून नजर आ रहा था इतना खून जमा हुआ कि इस स्थान को खूनी दरवाजा कहा गया

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खूनी दरवाजा चंदेरी 

चंदेरी कैसे पहुंचे: How to reach chanderi  : 


चंदेरी पहुंचना बहुत आसान है. यह बस, ट्रेन कनेक्टिविटी से जुड़ा हुआ है. सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन अशोकनगर है जो 48 किलोमीटर की दूरी पर है. यहां से बस और टैक्सी आसानी से मिल जाते हैं। नजदीकी एयरपोर्ट ग्वालियर है जो 227 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. ललितपुर से चंदेरी की दूरी 37 किलोमीटर है।

Photo Gallery  of  Chanderi   ( चंदेरी की चित्र दीर्घा ) :


चंदेरी संग्रहालय 

बैजू बाबरा समाधी चंदेरी 

बैजू बाबरा समाधी स्थल चंदेरी 

चंदेरी संग्रहालय स्तिथ जैन तीर्थकर प्रतिमा 

कोशक महल चंदेरी 

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लक्ष्मण मंदिर चंदेरी 

कीर्ति दुर्ग चंदेरी 

कोशक महल चंदेरी से लिया गया मुंगावली रोड का दृश्य 

कोशक महल चंदेरी 

कोशक महल चंदेरी दरवाजे का आर्च 

शहजादी का रोजा स्मारक के पास सती स्तम्भ 

बुंदेला राजाओ की छत्री चंदेरी 

शहजादी का रोजा स्मारक चंदेरी 

बुंदेला शासकों की छत्री परमेश्वर तालाब 

बुंदेला राजाओ की छत्री 

सती स्तम्भ चंदेरी 

लक्ष्मण मंदिर चंदेरी 

परमेश्वर तालाब चंदेरी 

परमेश्वर तालाब चंदेरी 

राजा रानी महल से कीर्ति दुर्ग का दृश्य 

कीर्ति दुर्ग चंदेरी 

कीर्ति दुर्ग से चंदेरी शहर का दृश्य 

कीर्ति दुर्ग से चंदेरी शहर का दृश्य 

कीर्ति दुर्ग से चंदेरी शहर का दृश्य 

खूनी दरवाजा चंदेरी 

कीर्ति दुर्ग चंदेरी  

कीर्ति दुर्ग चंदेरी स्मारक 

कीर्ति दुर्ग स्तिथ मस्जिद  

कीर्ति दुर्ग से चंदेरी शहर का दृश्य ऊंट बांधने का स्थल 

कीर्ति दुर्ग से चंदेरी शहर का दृश्य 

कीर्ति दुर्ग से चंदेरी शहर का दृश्य 

कीर्ति दुर्ग चंदेरी 

कीर्ति दुर्ग चंदेरी का दृश्य 

बत्तीसा बावड़ी 


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15 Comments

  1. Chanderi is haunted by some mystery or the other.

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  2. Best part of blog is beautiful pictures... 👍very nice sir...🙏

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  3. बहुत ही सुंदर 👌👌👌👍👍💐💐सर, खूबसूरत लुभाती हुई तस्वीरे एवं रोचक जानकारियां आपके प्रयत्न से प्राप्त हुई।👌👌

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  4. You have written a great blog on the historical city of Chanderi, it is amazing that the description of the historical city of Chanderi has been given with the photo. It is very beautiful. Your efforts are appreciated because it helps in understanding the history of Chanderi.
    Congratulations🎉
    Thanks a lot 😌

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  5. सर बेहद आकर्षक तस्वीरों के साथ सटीक विश्वनीय जानकारी, कभी चंदेरी जाना हुआ तो पुनः आपका ब्लॉग रेफर करना पड़ेगा

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  6. सर, बहुत ही रोचक और दुर्लभ तस्वीरों के साथ साथ एतिहासिक जानकारियां उपलब्ध की गई जिनसे चंदेरी भ्रमण के वास्तविक दर्शन हो गए.... अति सुन्दर लेख .......

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  7. बहुत ही सुंदर और रोचक जानकारी सर

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  8. अनन्त रहस्यों से भरी ऐतिहासिक धरा 👌👌🙏🏻

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  9. Most important knowledge N owesom vews🙏🙏🙏

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  10. Itihas ke panno ko kholkar sir aapne hmare bhartiy etihasik samradhi ko aam jano ke beech bhut hi saral or spasht shabdabali se sjokar prastut kia jo ki bhut hi srahniy prayas h

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