Ticker

6/recent/ticker-posts

Dumawali (Raisen) Rock Paintings & Rock Shelters : Hidden Gem of Raisen

Dumawali rock Shelters & rock paintings (Raisen ) : 

An unexplored Hidden Gem of Raisen (MP ): 

Dumawali Rock Shelters

डुमावली शैल चित्र और शैलाश्रय (रायसेन) :

    शैलचित्र यह शब्द कितना आकर्षक लगता है जैसे कोई बहुत जाना पहिचाना। बचपन से हम लोग इतिहास विषय में शैलचित्रों और शैलाश्रयों के बारे में किताब में पढ़ चुके है। पर यह शब्द अपने आप में ही एक बहुत बड़ा विषय है जो हमें अपने पुरामानव समय का चित्रण दिखाता है। हम लोग इस विषय में पढ़ तो लिए परन्तु इन शैलचित्रो को देखने का मौका कम ही मिलता है। भोपाल के नजदीक भीमबेटका शैलाश्रय यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट होने से हम लोगो को वहां जाने और  शैलचित्रों को देखने और समझने का मौका मिलता है। पूर्व में भीमबेटका पर मैं एक ब्लॉग लिख चुका हूँ , यदि आपने नहीं पढ़ा है तो लिंक नीचे दे रहा हूँ आप क्लिक कर इसे पढ़ सकते है। 

Bhimbetka Rock Shelter Complex ( An archaeological treasure )


Pengawan Rock Painting : Raisen 


    यूँ तो रायसेन जिला मध्य प्रदेश की हृदयस्थली भोपाल के नजदीकी जिलों में शामिल है। लेकिन भोपाल से यह जितना नजदीक है विकास के मामले में यह उतना ही पीछे भी है और मध्य प्रदेश में  विकास इंडेक्स में यह पिछले जिलों में शामिल होता है। पर एक क्षेत्र में रायसेन जिला भारत ही नहीं अपितु पूरे विश्व के अग्रणी स्थान में शामिल है और वह क्षेत्र है यहां की प्रागेतिहासिक पुरा संपदा और विश्व विरासत स्थल यथा साँची स्तूप और भीमबेटका।  

    रायसेन जिले में  इतनी अधिक तादात में शैलाश्रय और शैलचित्र पाए जाते हैं कि यदि रायसेन जिले को शैलचित्र और शैलाश्रय में पूरे विश्व का घर कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। 

Dumawali Rock Painting


    रायसेन जिले में यूनेस्को विश्व धरोहर भीमबेटका के शैलचित्र तो शामिल है ही इसके अलावा समस्त रायसेन जिले में लगभग 50 से अधिक स्थानों में बहुत अधिक संख्या में शैलचित्र और शैलाश्रय पाए गए हैं और इनमें से अधिकांश अभी अनजान है और उस क्षण का इंतजार कर रहे हैं जब वह दुनिया के सामने आएंगे और अपना इतिहास सबको बताएंगे। यह हम सब का दुर्भाग्य ही है कि रायसेन जिले में इतनी अधिक पुरा सम्पदा और ऐतिहासिक धरोहर होने के बावजूद भी स्थानीय लोगों को भी इनके बारे में जानकारी नहीं है। सिर्फ भीमबेटका को छोड़कर नेट पर भी इनके बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं है कि यह कहां-कहां है और कितनी मात्रा में है जिससे कि यदि कोई यहां जाना चाहे तो वह पहुंच सके। परंतु दुर्भाग्यवश इतनी अधिक धरोहर होने के बावजूद भी इसके बारे में कोई जानकारी ना होना हम सबके लिए सोचनीय और चिंतनीय बात है। जानकारी के अभाव में और प्राकृतिक कारणों से धीरे-धीरे इनका क्षरण हो रहा है और समय रहते यदि हम लोग सचेत नहीं हुए और उनकी सुरक्षा के लिए कोई आवश्यक कदम नहीं उठा तो धीरे-धीरे यह संपदा विलुप्त हो जाएगी और हम इसके बारे में कभी जान ही नहीं पाएंगे। 

Dumawali Rock Shelters

    हालांकि वर्तमान में रायसेन के युवा सदस्यों की टोली या ग्रुप इन स्थानों को एक्सप्लोर करने में सक्रिय भूमिका निभा रही है जिससे यह हम सब आपके सामने ला पा रहे हैं और ऐसे ही एक युवा टोली का मैं भी सदस्य होने से इन स्थानों पर जाकर इनको देख कर और उनके फोटो लेकर एक छोटे से ब्लॉग के माध्यम से आप सबके सामने लाने का एक छोटा सा प्रयास कर पा रहा हूं। विगत 3 वर्षों से अधिक समय से मैं रायसेन के कई क्षेत्रों के ऐतिहासिक धरोहरों का फोटो डायरी और ब्लॉग के माध्यम से सहेजने का प्रयास कर रहा हूं। 

    रायसेन जिले में pengawan और kharbai के शैलचित्रो और शैलाश्रयों के बारे में भी ब्लॉग लिख चुका हूँ।  लिंक नीचे दे रहा हूँ आप क्लिक  पढ़ सकते है। 

kharbai : prehistoric rock shelters and rock paintings ( An archaeological treasure )

Pengawan Rock Painting : Raisen 


Pengwan rock shelters and rock paintings ( Raisen )


    एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यह हम सब का दायित्व है कि रायसेन जिला जो पुरातत्व धरोहरों के मामले में अनमोल खजाना होने के बावजूद भी यह खजाना अभी छुपा हुआ है और अभी तक दुनिया के सामने नहीं आ पाया है को दुनिया के सामने लाया जाए जिससे उनके संरक्षण का गंभीर प्रयास प्रारंभ हो सके और हम सब जो इस क्षेत्र में रुचि रखते हैं वह आसानी से इन स्थानों को देख सके और अपने आने वाले भविष्य के लिए भी इसको सहज सके जिससे आने वाली पीढ़ी भी इन स्थानों को देखकर हमारे प्राचीन इतिहास को जान सके।

Dumawali Rock Shelters Raisen


आज के ब्लॉग में ऐसे ही रायसेन जिले के एक अनजान प्रागैतिहासिक स्थान को कवर किया है। 

1. डुमावली शैलचित्र और शैलाश्रय : Dumawali Rock Shelters (रायसेन)

Dumawali Rock Shelters : Raisen

    डुमावली ग्राम एक साधारण ग्राम है जो रायसेन जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर रायसेन चिकलोद रोड पर मुख्य सड़क से कुछ अंदर की ओर स्थित है। हालांकि ग्राम तक सड़क पक्की तो नहीं है पर वहां के माध्यम से ग्राम तक पहुंचा जा सकता है। डुमावली ग्राम में लगभग 10 से अधिक संख्या में शैलाश्रेय स्थित है। यह शैलाश्रय हालांकि आकार में छोटे हैं पर बहुत ही आकर्षक तरीके से बने हुए हैं जिसको देखकर आपको एक बार यह भ्रम हो सकता है कि आप किसी दूसरे ग्रह पर स्थित है। इन पहाड़ियों में बहुत छोटी-छोटी मात्रा में शैल चित्र बने हुए हैं और आपके यहां तक पैदल ही आना पड़ेगा क्योंकि यह पहाड़ी के कुछ ऊंचाई पर स्थित है और एक जंगल के अंदर की ओर है। इनका कोई सीरियल नहीं होने से यह लगभग 10 की संख्या में होंगे और लगभग पांच से अधिक rock Shelters में शैलचित्र बने हुए हैं।  शैलाश्रयों के पीछे जाने पर एक नदी का रास्ता बना हुआ है जो मानसून में प्रवाहित होती है और इसके किनारे एक पहाड़ी में बहुत लम्बी गुफा है जो बहुत ही दुर्गम्य है। अंदर का रास्ता बहुत मुश्किल होने से भीतर नहीं गया परन्तु स्थानीय लोगो ने बताया की यह बहुत भीतर तक जाती है। 

Dumawali Rock Caves 


हालांकि यह शैल चित्र प्राकृतिक कारणों से क्षरण हो रहे हैं और उतने स्पष्ट नहीं दिखते हैं जितने की भीमबेटका या pengawan और urden के चलचित्र है। रायसेन जिले के अन्य शैल चित्रों में राम छज्जा, pengawan, urden, पुतली करार, जावरा, चिकलोद, आदि मुख्य है। और इन सभी स्थानों के बारे में कहीं ना कहानी किताबों में पढ़ने को आता है परंतु नेट पर इन स्थानों के बारे में जानकारी का बहुत अभाव है। रायसेन जिले में अभी भी कई महत्वपूर्ण स्थल गुमनाम है और अधिक जानकारी अभी भी उपलब्ध नहीं है। अगले ब्लॉग में राम छज्जा , Urden ,सीता तलाई पर भी एक ब्लॉग लिखूंगा। 

Heritage of Raien : Dumwali Village

    डूमवाली ग्राम के बारे में तो कहीं भी किताब में भी पढ़ने को नहीं आया है और इस स्थान के बारे में जानकारी मात्रा स्थानीय चर्चाओं के माध्यम से ही ज्ञात हुई यहां के स्थानीय लोग इन चित्रों को वर्षों से देखते आ रहे हैं और उन्हीं के द्वारा इस स्थान का पता चला. यहां पर शैल चित्र गेरुआ रंग,कुछ पीले और कुछ सफेद रंग का प्रयोग किए हैं। और संभवतः यह Mesolithic समय के प्रतीत होते हैं. स्पष्ट रेखाओं के माध्यम से जंगली जानवर ,शिकार आदि के मानवीय जीवन का चित्रण इन शैलचित्रों में किया गया है। यह शैलचित्र शुरुआती समय के प्रतीत होते है।  देख रेख के अभाव और अन्य कारणों से यह धीरे-धीरे क्षरण हो रहे हैं और यदि शीघ्र ही इनको सहेजने और सुरक्षित करने का कार्य नहीं हुआ तो संभवत यह धीरे-धीरे विलुप्त हो जाएंगे।

    हम सबका यह नैतिक दायित्व है कि हमारे प्राचीन पूर्वजों ने जो ऐतिहासिक धरोहर हम सबके लिए छोड़ी है और यह धरोहर पूरे विश्व में अन्य बहुत ही कम स्थान पर पाई जाती है। यह हमारा सौभाग्य है कि आज हम इनको देखकर हजारों साल पुराने मानव जीवन किस प्रकार होता था इसकी कल्पना कर सकते हैं। अगले ब्लॉग में अन्य शैलाश्रय Urden , रामछज्जा पर एक ब्लॉग लिखूंगा और अन्य ऐसे स्थानों को कवर करने का प्रयास करूँगा। 

Dumawali Rock Paintings : Raisen

    
    आपको यह ब्लॉग कैसा लगा कमेंट कर अवश्य बताएं और यदि आपके आसपास कोई ऐसा स्थान है जो अभी भी unexplored है उसके बारे में अवश्य बताएं यदि संभव हुआ तो हम अपने सदस्यों के साथ उसे स्थान को भी कवर करने का पूर्ण प्रयास करेंगे।

डुमावली ग्राम रायसेन तक कैसे पहुंचे : How to reach dumwali Village Raisen 

डुमावली ग्राम रायसेन जिले मुख्यालय से लगभग 10 km की दूरी पर रायसेन चिकलोद रोड पर स्तिथ है और पैमत ग्राम के पहले पड़ता है।  रायसेन सड़क मार्ग से भोपाल और अन्य शहरों से अच्छे से जुड़ा हुआ है। नजदीकी रेलवे स्टेशन भोपाल और विदिशा है। नजदीकी एयरपोर्ट भोपाल एयरपोर्ट है।  रायसेन से निजी टेक्सी या ऑटो आसानी से यहाँ के लिए मिल जाते है।  यहाँ पर आसानी से पहुंचा जा सकता है। 

चित्र दीर्घा डुमावलीशैलाश्रय : Photogallery of Dumawali Rock Shelters Raisen 












































Post a Comment

5 Comments

  1. Very fascinating to witness the unexplored archeological Gem. Thank You

    ReplyDelete
  2. बहुत ही खूबसूरत छाया चित्रण.... 🌹🌹🌹Bharatvarsh ki Amulya dharohar ko khojne usko Jan samanya ke samne laane ke liye बहुत-बहुत dhanyvad AVN sadhuvaad.

    आपके इस प्रयास से बहुत सारे लोगों को इस अमूल्य धरोहर को इंटरनेट के माध्यम से देखने का मौका मिला और बहुत संभव है कि इस बारे में लोग जागरूक होंगे और इसको प्रत्यक्ष रूप से देखने के लिए रायसेन जिला पधारेंगे ।आपका यह कार्य सतत आगे बढ़ता ,रहे बहुत-बहुत शुभकामनाएं 🌹🌹🌷🌷🌷🌷धन्यवाद।

    ReplyDelete
  3. आपके इस प्रयास से बहुत सारे लोगों को इस अमूल्य धरोहर को इंटरनेट के माध्यम से देखने का मौका मिला और बहुत संभव है कि इस बारे में लोग जागरूक होंगे और इसको प्रत्यक्ष रूप से देखने के लिए रायसेन जिला पधारेंगे ।आपका यह कार्य सतत आगे बढ़ता ,रहे बहुत-बहुत शुभकामनाएं 🌹🌹🌷🌷🌷🌷धन्यवाद
    आपका अपना बिट्टू चढ़ार

    ReplyDelete
  4. Very nice sir....

    ReplyDelete